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बाहरी पाइल्स : गुदा के बाहर स्थित होते हैं बाहरी बवासीर और गुदा क्षेत्र के आसपास की त्वचा से ढके होते हैं। यदि उनके अंदर रक्त का थक्का बन जाए तो वे दर्दनाक हो सकते हैं। आमतौर पर इस मामले में रक्तस्राव होता है।

बवासीर दो प्रकार की होती हैं, जो ये हैंः-

कम फाइबर वाला आहार : बवासीर का कारण कम फाइबर वाला आहार बन सकता है क्योंकि इससे कब्ज होता है। और कब्ज के कारण मल त्याग के दौरान तनाव मलाशय की नसों पर दबाव डालता है, जिससे बवासीर का विकास या बिगड़ जाता है।

फाइबर युक्त आहार : स्वस्थ भोजन जो फाइबर से भरपुर हो, वह मल त्याग को नियंत्रित करने और कब्ज को रोकने में मदद कर सकता है।

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गर्भावस्था: गर्भावस्था के दौरान बढ़ा हुआ गर्भाशय गुदा की नसों पर दबाव डालता है।

शतावरी: गुदा की नसों को मजबूत बनाती है और खून आना रोकती है।

आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से बवासीर को नियंत्रित करने के लिए नियमित दिनचर्या का पालन करें।

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है.

डॉ. सम्राट जांकर कहते हैं कि पाइल्स से बचाव के लिए टॉयलेट में ज़्यादा देर तक न बैठें, मल त्याग के दौरान ज़्यादा ज़ोर न लगाएं और साफ-सफाई का खास ध्यान रखें.

बस्ती (एनिमा): आंतों की सफाई के लिए औषधीय तेल या काढ़े का उपयोग किया जाता है।

कुछ व्यक्तियों को अपने रोजगार की वजह से घंटे खड़े रहना पड़ता है, जैसे- बस कंडक्टर, ट्रॉफिक पुलिस इत्यादि। इसके साथ ही जिन्हें भारी वजन उठाना पड़ता है। इन लोगों को बवासीर से पीड़ित होने की अधिक संभावना रहती है। 

मुझे और भी चिकित्सा समस्याएं हैं, मैं बवासीर के साथ इनका प्रबंधन कैसे कर सकता हूँ?

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